PUBLISHED : Jan 24 , 2:46 AM
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने रोबोट और ऑटोमेशन सेवाओं के बढ़ते चलन पर चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे दुनिया की लाखों नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
अर्थशास्त्री अंगस डीटन जिन्हें स्वास्थ्य, समृद्धि और समानता के लिए किए गए कार्यों पर 2015 नोबल पुरस्कार दिया गया था, एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते उन्होंने कहा है कि उनका मानना है कि ऑटोमेटेड मशीनों का बढ़ता इस्तेमाल अमेरिका में रोजगार के लिए ग्लोबलाइजेश से भी ज्यादा बड़ी चुनौती है।
डीटन ने डोनाल्ट ट्रम्प की जीत के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प को एक उस बड़े ग्रुप से समर्थन मिला था जो ग्लोबलाइजेशन का विरोध करता है। उन्होंने कहा, मेरे लिए ग्लोबलाइजेशन मेरे लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं लगता क्योंकि इससे लाखों लोगों को गरीबी से बाहर आने में मदद मिली है। मुझे नहीं लगता कि मशीनें ज्यादा इस्तेमाल जितना रोजगार के लिए खतरनाक है उतना ग्लोबलाइजेशन है।
उन्होंने यह भी कहा कि फेसबुक से अकूत धन कमा रहे मार्क जुकरबर्ग किसी का भला कर रहे हैं ऐसा मानना मुश्किल है लेकिन जिस तरह से ड्राइवरलेस कार की बात हो रही है वह एक और चिंता की बात है।
वहीं गुरुवार को राष्ट्रपति बाराक ओबामा के कार्यालय से एक चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स के इस्तेमाल से फैक्ट्रियों और उद्योगों में रोजगार घटने की आशंका है खासकर ट्रांसपोरेशन में।
इसके अलावा वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अंदाजा लगाया है कि औद्योगिकीकरण के चौथे चरण में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोट खूब इस्तेमाल किया जाएगा। इससे 2020 तक दुनिया में करीब पांच मिलियन यानी 50 लाख नौकरियां खत्म होंगी।
इसे चिंता को लेकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुए एक शोध में कहा गया कि रोबोटिक्स के इस्तेमाल से चीन में 77 फीसदी और दुनिया के अन्य देशों में रोजगार की 57 फीसदी संभावनाएं खत्म होंगी।
इंसानों के जगह पर मशीनों का इस्तेमाल शुरू हो चुका है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रोजगार देने वाली सबसे बड़ी कंपनियां, एप्पल, गूगल और अमैजन हैं जो मशीनों के जरिए अपने 60 हजार कर्मचारी कम कर चुकी हैं।