PUBLISHED : Feb 21 , 3:01 AM
‘दोस्त होंगे तो लंबी उम्र की संभावनाएं बढ़ेंगी, नहीं होगें तो कोई बात नहीं।’ ऐसा सोचना गलत है। दोस्तों की कमी सिर्फ ‘कोई बात नहीं’ तक सीमित नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में हुआ यह क्लिनिकल रिव्यू बताता है कि ऐसी स्थिति में एक शख्स को फिजिकली और मेंटली उतना ही नुकसान होता है, जितना 15 सिगरेट रोज पीने से हो सकता है।
यानी, अगर किसी के पास दोस्तों की कमी है या दोस्तों से लगाव कम है तो जाने-अनजाने वह चेन स्मोकिंग कर रहा है। दूसरी ओर, अगर किसी के खूब सारे लंगोटिया यार हैं तो उसे घर बैठे या बतकही करते हुए भी 2-4 किलोमीटर टहलने जितना फायदा मिलता रहेगा।